इन्फोपत्रिका बिजनेस डेस्क
धान सीजन 2017-18 में बासमती धान ने किसानों की बल्ले-बल्ले कर दी। उत्पादन और रेट बम्पर रहे तो किसान मालामाल हो गए। यही कारण है कि अब बुआई सीजन में चारों और बासमती ही बासमती की चर्चा है। पिछले साल बासमती धान का रकबा घटा था, जिसमें इस बार भारी बढोतरी की उम्मीद है। हरियाणा और पंजाब सहित राजस्थान, उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश के चावल की खेती होने वाले इलाकों में इस बार बासमती धान की रिकार्ड बुआई होने की उम्मीद है। खेती के लिए जमीन के ठेके आसमान पर है तो बासमती धान की वैराइटियों के बीजों के रेट सातवें आसमान पर। पर सबसे बड़ा सवाल ये है कि क्या इस बार भी बासमती धान के रेट भी 3000 से ऊपर रहेंगे। वैसे इस सवाल का जवाब ढूंढना काफी मुश्किल है, लेकिन फिर भी इन्फोपत्रिका को बासमती चावल के घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजार पर पैनी नजर रखने वाले अमृतसर की भगतावांला मंडी के नीरज शर्मा इस प्रश्न का उत्तर दिया है।
पहले बात उत्पादन की
इस बात में कोई संदेह नहीं है कि इस बार बासमती धान की ओर किसानों की भरपूर दिलचस्पी है। बासमती के कुल रकबे में इस बार पिछले साल से 30 फीसदी बढोतरी होने की उम्मीद है। रही उत्पादन की बात, तो यह मौसम पर निर्भर करता है। अगर बारिश ठीक रही, जिसका अंदाजा मौसम विभाग लगा रहा है, तो फिर देश में बासमती धान का बम्पर उत्पादन होगा।
90 रुपए किलो तक खरीदा है बीज
बासमती धान के बीजों के रेट इस बार सातवें आसमान पर हैं। अब भले ही किसानों और व्यापारियों के अच्छे दिन आए न आए, लेकिन बासमती बीज बेचने वाली कंपनियों के इस सीजन में जरूर वारे-न्यारे हो गए हैं। बासमती 1121, पूसा 1509 और डीबी 1401 के रेट इस बार 90 रुपए किलो तक पहुंच गए हैं। वैसे हैरानी की बात यह है कि सीजन 2017-18 में कभी भी बासमती चावल का रेट कभी 90 रुपए किलो नहीं हुआ। लेकिन किसानों की बासमती में दिलचस्पी को बीज बेचने वालों ने खूब कैश किया है। हरियाणा में कई जगह हाईब्रिड बासमती 1121 के नाम से तो 125 रुपए किलो तक बीज बेचा जा रहा है। पूसा की कुछ नई वैराइटियों के बीज 200 रुपए किलो तक हैं। बासमती 1637 और 1728 बीमारी रोधी किस्में हैं। इन दोनों का ही बीज इस समय बाजार में 200 रुपए किलो तक बेचा जा रहा है।
कैसा रह सकता है रेट
बासमती धान का रेट इस सीजन क्या हो सकता हैॽ ये सवाल हमने किया बासमती धान के घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजार पर पैनी रखने वाले नीरज शर्मा से। नीरज का कहना है कि इस बार राइस मिलर्स को अभी तक कोई ऑर्डर नहीं मिला है। मिलर्स ने सीजन में ऊंचे दामों पर बासमती धान खरीदा था। ऑर्डर न मिलने से वे परेशान हैं और उनको चावल से कोई कमाई नहीं हुई है। सीजन में बासमती चावल का रेट 6700/6800 रुपए था जो अब गिरकर 6100/6200 रुपए रह गया है। नीरज शर्मा का कहना है कि ईरान से नया ऑर्डर नहीं मिलना इसका सबसे बड़ा कारण है।
बासमती के भविष्य पर बात करते हुए नीरज शर्मा ने कहा कि मैं किसानों को एक बात कहना चाहूंगा कि वर्तमान स्थिति को देखते हुए 1509 का रेट वे नीचे में 2000 और बासमती 1121 का भाव 2300/2500 रुपए मानकर ही चलें। शर्मा का कहना है कि व्यापार में स्थितियां वक्त के साथ बदल जाती हैं, लेकिन फिलहाल की परिस्थितियों को देखते हुए ऐसा लग रहा है कि व्यापार ऊपर बताए गए दायरे में ही होगा।
थोड़ा इन्फोपत्रिका की पहले की भविष्यवाणियों पर भी नजर डाल लें
इन्फोपत्रिका के विशेषज्ञ नीरज शर्मा बासमती चावल की चाल और चलन को बहुत अच्छे से परखते हैं। पिछले सीजन में नीरज शर्मा ने इन्फोपत्रिका को खरीद सीजन शुरू होने से पहले ही बता दिया था कि इस बार बासमती किसानों के वारे-न्यारे करेगा। हुआ भी ऐसा ही। 2 सितंबर 2017 को नीरज ने इन्फोपत्रिका को बताया था कि रेट कैसे रह सकते हैं। इसका सबूत है नीचे दिया गया ये स्क्रिन शॉट और लिंक….
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अक्टूबर में जब एक बार बासमती के रेटों में 200 रुपए की गिरावट आई तो बाजार में कई विशेषज्ञ पाकिस्तान में कीमतों में गिरावट का हवाला देकर बासमती के बाजार के धड़ाम होने की घोषणा कर डाली। लेकिन इन्फोपत्रिका ने इस बात का खंडन किया। नीरज शर्मा ने तब भी सटीक भविष्यवाणी कर बताया कि बाजार में मंदी थोड़े दिनों की मेहमान है। सबूत इन्फोपत्रिका में 25 अक्टूबर 2017 को प्रकाशित ये खबर है। लिंक पर क्लिक करके आप खबर पढ सकते हैं।
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2017 में मार्च में बासमती में तेजी आई थी। इन्फोपत्रिका ने 2 मार्च को ही नीरज शर्मा जी के हवाले से खबर प्रकाशित कर दी थी कि अब बासमती 1121 3500 रुपए तक बिकेगा। हुआ भी ऐसा ही। ये खबर है इसका सबूत…
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